KK Pathak News :-
केक पाठक की छुट्टी हो गयी हैं और बिहार शिक्षा विभाग की कमान वैद्यनाथ यादव को दिया गया हैं। शिक्षा विभाग से जुड़े तेज तर्रार और कड़क अफसर केके पाठक के अचानक छुट्टी लेने के बाद बड़ा बदलाव हुआ हैं। कुछ IAS अफसरों को नई जिम्मेदारी सौंपी गई है।
नमस्कार आप पढ़ रहे हैं News Portal इंडिया और आपके साथ मैं हूं हर्षित राय।
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शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए एक के बाद एक नए नए आदेश जारी कर रहे थे, जिसका जमकर विरोध भी हो रहा था। कई विधान पार्षदों ने राज्यपाल से मिलकर केके पाठक की शिकायत तक कर डाली और उन्हें हटाने की भी मांग कर डाली थी। इसी बीच अब आप देखिए की केके पाठक अचानक छुट्टी पर चले गए हैं, जिससे की चर्चा ज़ोर शोर से शुरू हो गई है। जिसको लेकर के हलचल तेज हो गई है कि आखिर केके पाठक अचानक छुट्टी पर क्यों चले गए?
अटकलों का बाजार पूरी तरीके से गर्म है और गर्म इसलिए भी है क्योंकि 13 जनवरी को पटना के गाँधी मैदान में सीएम नीतीश कुमार BPSC टीचर के दूसरे चरण में चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटेंगे और इसी कड़ी में पूरे बिहार में 13 जनवरी को BPSC से अनुशंसित 1,10,000 शिक्षकों को 1 दिन में नियुक्ति पत्र दिया जाएगा और पटना के गाँधी मैदान में 25,000 शिक्षकों को सीएम नीतीश कुमार नियुक्ति पत्र देंगे। के के पाठक अब इस आयोजन से भी दूर रहेंगे।
पिछली बार जब नीतीश कुमार ने नवनियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र बांटा था, तब खुले मन से केके पाठक की तारीफ की गई थी। उनके काम को लेकर नीतीश कुमार ने भी उनकी सराहना की थी और नवनियुक्त शिक्षक जो हैं वो के के पाठक को बहुत पसंद करते है।
तभी वो वीडियो आपको याद होगा। जब सामने आया तो केके पाठक के जैसे ही तारीफ की गई और जैसे ही मंच पर केके पाठक आये तो जोरशोर से हल्ला शुरू हो गया। लेकिन इस बार शिक्षा विभाग के नियुक्ति पत्र वितरण कार्यक्रम में के के पाठक जो कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव हैं, वो इस बार नहीं दिखाई देंगे।
अब ज़रा इस लेटर को आप देखिये। इसमें बताया गया है की 8 जनवरी से 16 जनवरी तक केके पाठक छुट्टी पर हैं और केके पाठक की गैरमौजूदगी में शिक्षा विभाग का जो पूरा काम है वो संभालने की जिम्मेदारी वैद्यनाथ यादव को मिली है। अब सवाल यह है कि छुट्टी तो हर अधिकारी लेते हैं लेकिन केके पाठक की छुट्टी पर इतना बवाल क्यों? इतने सवाल क्यूँ? इतनी हलचल क्यों? इसका जवाब है? केके पाठक का हो रहा विरोध बिहार में शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए केके पाठक लगातार प्रयासरत है।
केके पाठक ने स्कूलों की सूरत बदल दी है। सरकारी स्कूलों का हाल आप देखिये पढ़ाई से लेकर, टीचर और बच्चों को मिलने वाली सुविधा है।
उसके लिए वे लगातार काम कर रहे हैं। वे बिहार के भविष्य को सवारने मे लगे हैं ताकि बच्चे पढ़ सके और आगे चलके कुछ अच्छा कर सके। केके पाठक के काम की खूब तारीफ भी हो रही है। वहीं, जिस तरह से केके पाठक टीचरों पर कार्रवाई कर रहे थे।
उससे उनका विरोध भी हो रहा था। जैसा की हमने आपको बताया भी कि शिक्षक और नेताओं के साथ साथ राजनीतिक दलों ने भी उनके खिलाफ़ मोर्चा खोल रखा था। कुछ दिनों पहले ही अलग अलग दलों के 15 विधान पार्षदों ने राज्यपाल से मुलाकात की थी। केके पाठक को ले कर के शिकायत की थी। जिसको लेकर केके पाठक को चिट्ठी भी दी गई थी।