DR. Vikash Divyakirti On CM Yogi : मै नहीं चाहता था योगी आदित्यनाथ सीएम बने, लेकिन अब … पीएम मोदी से बेहतर नेता कोई नहीं |

DR. Vikash Divyakirti On CM Yogi :- जब जब योगी जी को सीएम बनाने का फैसला हो रहा था। उस समय दो तीन उम्मीदवार थे। और मैं दिल से चाहता था कि योगी जी सीएम ना बने।

DR. Vikash Divyakirti On CM Yogi जानिए विकास दिव्ययकीर्ति ने यूपी के सीएम योगी जी के बारे मे क्या कहा ?

हाँ, मैं बहुत खुलकर अपनी बात कहना पसंद करूँगा। मैं दिल से चाहता था कि योगी जी सीएम न बने क्योंकि मेरे मन में उनकी छवि थी कि वो एक मठ वाले आदमी है और धर्म का आदमी सीधा राजनीति चलाएगा तो उतना अच्छा नहीं होगा।

DR. Vikash Divyakirti On CM Yogi

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लेकिन पिछले पांच 7 साल के कार्यकाल में। एक आध मुददे पर मुझे कभी कभी लगता है कि कानून का शासन कितना बचता है, कितना नहीं बचता है, इन पर फोरमैन से देखो तो मैं कहूंगा कि वह शानदार मुख्यमंत्री हैं। यह कहने में मुझे कोई आपत्ति नहीं है। सबसे ज्यादा जरूरत है अच्छे नेताओं की बाकी सब सेकन्डरी बातें हैं।

विज्ञान भी सब जाएगा, शिक्षा भी सब जाएगी, संस्कृति, कला सब सब जायेगा। नेता साध्वी बहुत जरूरी है तो यदि आप में नेता बनने की संभावना है, थोड़ा रिस्क लीजिए, नेता बनिए और देश की संसद में अगर पांच, 600 या 800 दोनों सदन में लाके कायदे के लोग बैठे होंगे।
तो उससे बेहतर स्थिति हो नहीं सकती। आप स्टार्टअप कर लें, आइएएस बन जाए, ऐक्टर बन जाए, प्लेयर बन जाए। ये मान के चलिए की आप सबकी जिंदगी डिफाइन वही करेंगे जो संसद में है।

DR. Vikash Divyakirti On CM Yogi

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तो क्यों ना आप संसद में हो? लेकिन यदि आपका स्वभाव ऐसा नहीं है जो जैसे मैं अपने बारे में सोचता हूँ की मेरा स्वभाव उस तरह का नहीं है।मैं अगर पॉलिटिक्स में जाऊंगा तो शायद बहुत सहज नहीं रह पाऊंगा और मैं? तो मेरे जैसे व्यक्तियों के लिए क्या है? या तो आप पॉलिटिक्स में जाए। मैं क्या करूँ? या सौरभ जैसे राजनीति में नहीं है? सौरभ की जिम्मेदारी क्या बनती है तो हमारी जिम्मेदारी बनती है।

कि अगर मैं राजनीति में नहीं हूँ जैसे मैं किसी पार्टी के पक्ष में नहीं हूँ, मेरा किसी पार्टी से ना संवाद सबसे होता है, लेकिन मैं किसी पार्टी का मेंबर भी नहीं हूँ, ना मन से हूँ ना कागजों पर हूँ। तो मेरी जिम्मेदारी ये बनती है कि किसी भी मुद् दे पर हर पार्टी को भूलकर अपने सुनने वालों को यह बताऊँ कि क्या सही है?

Yogi Adityanath

क्या गलत है ताकि हमारे देश में एक राजनीतिक मैच्योरिटी पॉलिटिकल मैच्योरिटी आये, उसमें जो थोड़ी बहुत भूमिका मैं निभा सकता हूँ, मैं निभाऊं और यदि इस प्रोसेसर में कुछ अच्छे नेता निकलते हैं, जिसमें थोड़ी भूमिका मेरी भी है तो मैं तो इतने मैं संतुष्ट हूँ, इतना काफी है मेरे लिए जी ऑन दैट नोट।

क्या विकास दिव्यकीर्ति को कभी किसी पॉलिटिकल पार्टी से जौन करने का या चुनाव लड़ने का या किसी भी तरह से अपनी सेवाएं देने का ऑफर आया है? मतलब सीधा ऐसा ऑफर तो नहीं की ये ऑफर हैं आ जाये ऐसा नहीं, लेकिन हाँ। दो तीन बड़ी पार्टियों से संवाद उन्होंने किया।

Vikash Divyakirti
लेकिन जैसे ही मुझे समझ में आता है कि वह इसलिए संवाद कर रहे हैं, मैं पीछे हट जाता हूँ। जहाँ तक बात मिलने की होती है कि एक बड़े नेता हैं, मिलना चाहते हैं तो मिलने में मुझे कोई हर्ज नहीं लगता। सबसे मिलना अच्छा लगता है। पिछले छह महीने में ऐसा दो तीन बार हुआ। की किसी पार्टी के अध्यक्ष मिलना चाह रहे हैं। तो जेनरली में अब तक मिला नहीं हूँ, मैं दूर से ही यह कहकर कि मैं उस रास्ते पर जाने के मूड में हूँ नहीं। तो फिर मुलाकात का फायदा है नहीं तो फ़िलहाल ऑफर्स हैं। पर मैं बचता हूँ इस चीज़ से।

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