Richard Kettleborough :- 2023 आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारत की हार ने क्रिकेट प्रेमियों को निराश कर दिया। भारत ने 10 मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया था, और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मजबूत स्थिति में था। हालांकि, अंततः भारत 6 विकेट से हार गया।
भारत की हार के कई कारण हो सकते हैं। गेंदबाजों ने ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाजों को रोकने में असमर्थ रहे, और बल्लेबाजों ने भी पर्याप्त रन नहीं बनाए। हालांकि, कुछ लोग मानते हैं कि भारत की हार का एक प्रमुख कारण रिचर्ड कैटलबोरो की अंपायरिंग थी।
Richard Kettleborough की अंपायरिंग के कारण भारत की हार?
Richard Kettleborough एक अनुभवी अंपायर हैं, लेकिन वे अक्सर विवादास्पद फैसलों के लिए जाने जाते हैं। उन्हें भारत के खिलाफ अंपायरिंग करते समय विशेष रूप से प्रतिकूल माना जाता है।
इस बार भी, फाइनल में कैटलबोरो के कुछ फैसलों पर सवाल उठाए गए। उदाहरण के लिए, उन्होंने 10वें ओवर में लाबुशेन के खिलाफ एक एलबीडब्ल्यू अपील को खारिज कर दिया। यदि यह अपील सही होती, तो भारत को लाबुशेन का विकेट मिल जाता और मैच का रुख बदल सकता था।
Richard Kettleborough से भारतीय फैंस का गुस्सा क्यों?
Richard Kettleborough की अंपायरिंग के कारण भारतीय फैंस में काफी गुस्सा है। सोशल मीडिया पर उन्हें ट्रोल किया जा रहा है, और कुछ लोग उन्हें भारत के खिलाफ अंपायरिंग करने से रोकने की मांग कर रहे हैं।
क्या Richard Kettleborough वास्तव में भारत की हार के लिए जिम्मेदार हैं? यह कहना मुश्किल है। हालांकि, उनके कुछ फैसलों ने निश्चित रूप से मैच में एक भूमिका निभाई।
क्या Richard Kettleborough वास्तव में मनहूस हैं?
Richard Kettleborough की मनहूसियत के कारण भारत की हार का दावा करने वाले क्रिकेट प्रेमियों का कहना है कि कैटलबोरो अक्सर भारत के खिलाफ पक्षपातपूर्ण फैसले लेते हैं। उन्होंने 2015, 2016 और 2019 के विश्व कप में भी भारत के खिलाफ ऐसे फैसले दिए थे, जिनका भारत को नुकसान हुआ था।
हालांकि, कैटलबोरो ने इन दावों को खारिज किया है। उन्होंने कहा है कि वह हमेशा निष्पक्ष होकर अंपायरिंग करते हैं।
चाहे कैटलबोरो की मनहूसियत का दावा सही हो या नहीं, लेकिन यह सच है कि उनके फैसलों का भारत पर बुरा असर पड़ा है। 2023 विश्व कप फाइनल में भी कैटलबोरो के फैसलों ने भारत की हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
यदि भारत ने फाइनल जीता होता, तो कैटलबोरो की अंपायरिंग पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता। हालांकि, हार के बाद, उनकी अंपायरिंग की आलोचना करना स्वाभाविक है।